Dutee Chand Biography in Hindi

दुति चंद एक प्रोफेशनल भारतीय धावक तथा वीमेन 100 मीटर इवेंट की नेशनल चैंपियन हैं। ग्लोबल कम्पटीशन में 100 मीटर में गोल्ड मैडल जीतने वाली पहली भारतीय थी। समर ओलिंपिक गेम्स के 100 मीटर रेस में क्वालीफाई करने वाली तीसरी भारतीय महिला धावक हैं। वर्ष 2018 में एशियाई गेम्स जकार्ता में वह सिल्वर मैडल जीतीं। इस इवेंट में वर्ष 1998 के बाद यह इंडिया का पहला मैडल था।

वर्ष 2019 में Universiade में 11.32 सेकंड में 100 मीटर कम्पलीट करके गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय धावक बनीं। वह 100 मीटर इवेंट में मौजूदा चैंपियन हैं। दुति चंद जिन्हे IAAF hyperandrogenism रेगुलेशन के कारण बाहर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा था। पी.टी उषा के वर्ष 1980 मास्को में भाग लेने के 36 वर्ष बाद वर्ष 2016 में रिओ ओलंपिक्स में विमेंस 100 मीटर इवेंट में क्वालीफाई किया। दुति चंद LGBTQ+ कम्युनिटी के मेंबर के रूप में खुलकर सामने आने वाली पहली भारतीय खिलाडी हैं।

Dutee Chand Biography in Hindi

शुरूआती जीवन

दुति चंद का जन्म 3 फरवरी वर्ष 1996 को ओडिशा के जाजपुर जिले के गोपालपुर गांव में हुआ। इनके पिता का नाम चक्रधर चंद तथा माँ का नाम आखुजी चंद है। वह गरीबी रेखा के नीचे वीवर परिवार से सम्बन्ध रखती हैं। उनकी प्रेरणा की स्त्रोत उनकी बड़ी बहन सरस्वती चंद थीं जोकि स्टेट लेवल रनर रह चुकी थी। वर्ष 2006 में दुति चंद तथा उनकी बड़ी बहन सरस्वती चंद को सरकारी स्पोर्ट्स हॉस्टल में दाखिला मिला।

करियर

वर्ष 2012 में दुति चंद अंडर-18 केटेगरी में नेशनल चैंपियन बनीं। 2013 एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप पुणे विमेंस 200 मीटर्स इवेंट को 23.811 सेकंड में पूरा करके ब्रोंज मैडल जीतीं। 2013 वर्ल्ड युथ चैंपियनशिप में फाइनल तक पहुंचने वाली पहली भारतीय थी। 200 मीटर के इवेंट को 23.74 सेकंड में पूरा करने के बाद कामनवेल्थ गेम्स 2014 में क्वालीफाई कर सकती थी लेकिन आखिरी मिनटों में एथेलेटिक फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने यह स्टेटमेंट दिया की वह हाइपरएंड्रोजेनिज़्म की वजह से विमेंस के साथ कपट नहीं कर सकती हैं। कामनवेल्थ गेम्स ड्राप करने के बाद एशियाई गेम्स 2014 भी ड्राप करना पड़ा।

वर्ष 2015 में टेस्टोरॉन नियम बदलने के बाद दुति चंद का सस्पेंशन हटा दिया गया तथा अब वह दोबारा रनिंग के लिए तैयार थी। जैसे ही हाइपरएंड्रोजेनिज़्म नियम बदले उन्होंने ट्रैक कम्पटीशन में हिस्सा लेना शुरू कर दिया। 2016 एशियाई इंडोर एथेलेटिक्स चैंपियनशिप में ब्रोंज मेडल जीतीं। रिओ 2016 ओलिंपिक में वह वीमेंस 100 मीटर में पार्टिसिपेट करने वाली तीसरी भारतीय महिला बनीं। वर्ष 2017 के एशियाई एथेलेटिक्स चैंपियनशिप में वह दो ब्रोंज मेडल जीतीं। वर्ष 2018 के एशियाई गेम्स में वह सिल्वर मेडल जीतीं जोकि उनका पहला एशियाई गेम्स मैडल था। वर्ष 2019 के समर UNIVERSIADE नापोलि के 100 मीटर रेस में गोल्ड मैडल लेन वाली पहली भारतीय महिला बनीं।

व्यक्तिगत जीवन

वर्ष 2013 में लॉ की पढाई के लिए KIIT University में दाखिला लिया। वर्तमान में वह The Odisha Mining Corporation Ltd. में एग्जीक्यूटिव अफसर के रूप में कार्यरत हैं। दुति चंद LGBTQ+ कम्युनिटी के मेंबर के रूप में खुलकर सामने आने वाली पहली भारतीय खिलाडी हैं। इसके बाद उनकी बड़ी बहन ने घर बाहर निकल देने की धमकी दी।

अवार्ड्स और सम्मान

  • ओडिशा की सरकार ने 3 करोड़ रुपये देकर सम्मानित किया

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