Neeraj Chopra Biography in Hindi

नीरज चोपड़ा एक भारतीय ट्रैक और फील्ड एथिलीट और ओलिंपिक चैंपियन हैं। नीरज जेवलिन थ्रो में वर्ल्ड चैंपियन के सिल्वर मेडलिस्ट तथा जेवलिन थ्रो के डायमंड लीग के चैंपियन हैं। वह पहले ऐसे एशियाई भारतीय है जिन्होंने मेंस जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीता है। भारतीय सेना में एक जूनियर कमिशंड ऑफिसर (JCO), नीरज चोपड़ा ओलिंपिक में गोल्ड मेडल लाने वाले पहले ट्रैक एंड फील्ड खिलाड़ी हैं।

शुरूआती जीवन

नीरज चोपड़ा का जन्म एक रोर परिवार में 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के खंडरा पानीपत में हुआ था। चोपड़ा की दो बहनें हैं तथा इनका परिवार खेती किया करतें थे। उन्होंने अपनी स्कूलिंग BVN पब्लिक स्कूल से तथा ग्रेजुएशन दयानन्द एंग्लो-वैदिक चंडीगढ़ से पूरी की। वर्ष 2021 में बी.ए करने के लिए लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी जालंधर में दाखिला लिया। साउथ एशियाई गेम्स में चोपड़ा के प्रदर्शन से प्रभावित होकर इंडियन आर्मी ने नायब सूबेदार के पद के साथ राजपुताना राइफल्स में एक JCO का पद ऑफर किया। उन्होंने यह ऑफर स्वीकार कर लिया तथा स्पोर्ट्स कोटा के तहत उन्होंने आर्मी ज्वाइन कर ली।

Neeraj Chopra Biography in Hindi

नाम  नीरज चोपड़ा
पिता  सतीश कुमार
माता  सरोज देवी
जन्मस्थान  हरियाणा के खंडरा पानीपत
जन्मदिवस  24 दिसंबर 1997
प्रोफेशन  भाला फेंक
हाइट 6 फ़ीट

करियर

लोकल बच्चों द्वारा उनके मोटापे को लेकर चिढ़ाने की वजह से इनके पिता जी ने नीरज चोपड़ा को एक व्यायामशाला में दाखिला दिला दिया तथा बाद में उन्हें पानीपत के जिम दाखिला मिल गया। एक बार जब वह शिवाजी स्टेडियम में खेल रहे थे उन्होंने देखा की कुछ जेवलिन थ्रोअर प्रैक्टिस कर रहे थे। नीरज चोपड़ा ने पानीपत स्पोर्ट्स ऑफ़ इंडिया में विजिट किया, जहाँ वर्ष 2010 में जेवलिन थ्रोअर जयवीर चौधरी ने इनके टैलेंट को पहचाना। नीरज चोपड़ा के बिना ट्रेनिंग के 40 मीटर के थ्रोइंग स्किल को देखकर जयवीर चौधरी उनके पहले कोच बने।

चोपड़ा ने स्पोर्ट्स की बेसिक उनके पहले कोच जयवीर चौधरी तथा जालंधर के कुछ अनुभवी एथलीट जो जालंधर के जेवलिन कोच से प्रशिछित थे, उनसे भी सीखा। जल्दी ही उन्होंने डिस्ट्रिक्ट लेवल पर ब्रोंज मेडल जीता, तत्पश्चात नीरज चोपड़ा के परिवार वालों ने नीरज की एबिलिटी को विकसित करने के लिए पानीपत भेज दिया। एक साल कोच जयवीर चौधरी के अंडर ट्रेनिंग लेने के बाद 13 वर्षीय चोपड़ा को पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में भर्ती कराया गया। वहां नीरज चोपड़ा, नसीम अहमद एक रनिंग कोच जिन्होंने इनको लॉन्ग डिस्टेंस रनिंग के साथ जेवलिन थ्रो करने के लिए प्रशिछित किया।

क्यूंकि पंचकूला में जेवलिन के विशेषज्ञ कोच की कमी थी, इसलिए उन्होंने फेलो जेवलिन थ्रोअर परमिंदर के साथ चैंपियन जान जेलेज़नी की वीडियो डाउनलोड की तथा उनकी शैली की नक़ल करने का प्रयास किया। शुरुआत में ताऊ देवी में 55 मीटर का थ्रो हासिल किया लेकिन जल्दी ही उन्होंने अपनी सीमा बढ़ा दी। 27 अक्टूबर वर्ष 2012 में लखनऊ के नेशनल जूनियर एथेलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर 68.40 मीटर थ्रो का नया नेशनल रिकॉर्ड बनाया।

अंतर्राष्ट्रीय करियर

वर्ष 2013 में वर्ल्ड युथ चैंपियनशिप में पहली इंटरनेशनल कम्पटीशन में प्रवेश किया, जोकि Ukrain में हुई थी। उन्होंने वर्ष 2014 में युथ ओलंपिक्स में पहला इंटरनेशनल सिल्वर मैडल अपने नाम किया। वर्ष 2015 में जूनियर केटेगरी में 81.04 मीटर थ्रो करके रिकॉर्ड तोडा। 80 मीटर से ऊपर यह उनका पहला थ्रो था। नीरज वर्ष 2015 में केरल में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में पांचवे स्थान पर रहे। जिसके फलस्वरूप इन्हे नेशनल लेवल ट्रेनिंग कैंप से कालबैक प्राप्त किया तथा वर्ष 2016 में आगे की ट्रैनिग के लिए पंचकूला छोड़कर नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पोर्ट्स पटियाला में पहुंचे।

नीरज चोपड़ा के अनुसार नेशनल कैंप में शामिल होना उनके करियर का टर्निंग पोइंट था, क्यूंकि यहाँ उन्हें बेहतर फैसिलिटी, बेहतर Quality का आहार तथा प्रशिक्षण का बेहतर स्तर प्राप्त हुआ। चोपड़ा के अनुसार नेशनल लेवल जेवलिन थ्रोअर के साथ ट्रेनिंग करके उनका मनोबल बढ़ा। नीरज ने अपना जेवलिन कोच काशीनाथ नाइक को असाइन किया, जो 2010 कामनवेल्थ गेम्स में ब्रोंज मेडलिस्ट रहे थे। लेकिन नाइक का प्रशिक्षण को कठिन पाकर लगभग 1 महीने बाद खुद के दम पर प्रशिक्षण फिर से शुरू किया। 2016 साउथ एशियाई गेम्स में 82.23 मीटर थ्रो करके गोल्ड मैडल अपने नाम किया। उसके बाद ही चोपड़ा को ऑस्ट्रेलियन कोच गैरी कल्वर्ट द्वारा ट्रेनिंग मिली। 2016 IAAF वर्ल्ड U20 चैंपियनशिप में जोकि पोलैंड आयोजित हुई थी, उसमे 86.48 मीटर थ्रो करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले पहले भारतीय खिलाडी बने तथा नया नेशनल रिकॉर्ड स्थापित किया। चोपड़ा वर्ष 2016 में होने वाली समर ओलंपिक्स में क्वालीफाई नहीं कर पाए। 2017 एशियाई एथेलेटिक्स चैंपियनशिप्स में 85.23 मीटर थ्रो करके नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मैडल अपने नाम किया। इसके बाद वर्ल्ड चैंपियनशिप्स के लिए लंदन गए जहाँ फाइनल तक नहीं पहुंच पाए।

2018 कामनवेल्थ गेम्स में मेन्स जेवलिन थ्रो में 86.47 मीटर थ्रो करके कामनवेल्थ के जेवलिन थ्रो में जितने वाले पहले भारतीय बने। मई वर्ष 2018 में दोहा डायमंड लीग में 87.43 मीटर थ्रो करके पुनः नेशनल रिकॉर्ड तोडा। वर्ष 2018 में नीरज चोपड़ा ने एशियाई गेम्स में डेब्यू किया तथा 2018 एशियाई गेम्स परेड के दौरान ध्वजवाहक भी थे। 2018 एशियाई गेम्स में मेन्स जेवलिन थ्रो में 88.06 मीटर थ्रो करके गोल्ड मैडल जीते तथा अपना ही नेशनल रिकॉर्ड तोड़कर नया रिकॉर्ड स्थापित किया। सितम्बर 2018 में उन्हें अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया तथा नवंबर में आर्मी द्वारा उन्हें प्रमोट करके सूबेदार बना दिया गया।

2020 टोक्यो ओलंपिक्स

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4 अगस्त वर्ष 2021 में नीरज चोपड़ा ने भारत को रिप्रेजेंट करते हुए जापान नेशनल स्टेडियम में अपना ओलिंपिक डेब्यू किया। उन्होंने अपने क्वालीफाइंग ग्रुप में टॉप किया तथा 86.65 मीटर थ्रो करके फाइनल में प्रवेश किया। 7 अगस्त को चोपड़ा ने सेकंड अटेम्ट में 87.58 मीटर थ्रो करके गोल्ड मैडल जीता तथा गोल्ड मैडल जीतने वाले पहले भारतीय ओलिंपियन बने। इनके टोक्यो परफॉरमेंस के परिणामस्वरूप चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो में इंटरनॅशनली दुसरे नंबर पर रहे।

वर्ष 2022

14 जून को पावो नरमी गेम्स, फ़िनलैंड में चोपड़ा ने सिल्वर मैडल अपने नाम किया तथा अपना पर्सनल 89.94 मीटर देकर नया नेशनल रिकॉर्ड स्थापित किया। स्टॉकहोम डायमंड लीग में 89.94 मीटर थ्रो करके सिल्वर मेडल जीते तथा अपना ही नया नेशनल रिकॉर्ड बनाया। वर्ल्ड एथेलेटिक्स चैंपियनशिप के मेन्स जेवलिन थ्रो में सिल्वर मैडल जीता। यह वर्ल्ड एथेलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत का दूसरा मेडल है। इंजरी के कारण 2022 कामनवेल्थ से बाहर हो गए। 26 अगस्त वर्ष 2022 को लुसाने डायमंड लीग में 89.09 मीटर थ्रो करके पहले स्थान पर रहे तथा जुरिच फाइनल के लिए क्वालीफाई हुए। सितम्बर 8 वर्ष 2022 को नीरज 88.44 मीटर थ्रो करके डायमंड लीग जीत गए। यह करने वाले चोपड़ा पहले भारतीय बने।

अवार्ड्स तथा सम्मान

  • अर्जुन अवार्ड
  • विशिस्ट सेवा मेडल
  • मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्ड
  • परम विशिस्ट सेवा मेडल
  • पद्मा श्री
  • 27 अगस्त वर्ष 2021 को डिफेन्स मिनिस्टर राजनाथ सिंह द्वारा पुणे कन्टोन्मेंट ASI स्टेडियम का नाम बदलकर ‘नीरज चोपड़ा स्टेडियम’ कर दिया गया।
  • स्विट्ज़रलैंड टूरिज्म ने नीरज चोपड़ा को अपना फ्रेंडशिप अम्बेस्डर नियुक्त किया।

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