Draupadi Murmu Biography in Hindi
द्रौपदी मुर्मू एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो भारत की 15वी राष्ट्रपति चुनी गयी है। वह भारतीय जनता पार्टी की सदस्य हैं। वह सेड्यूल ट्राइब से सम्बंधित पहली ऐसी व्यक्ति हैं जिन्हे राष्ट्रपति के रूप में चुना गया है। द्रौपदी मुर्मू इस पद पर पहुंचने वाली ओडिशा की पहली व्यक्ति हैं। वह सबसे कम उम्र की तथा भारत की स्वतंत्रता के बाद पैदा हुई पहली ऐसी व्यक्ति हैं जो इस पद के लिए चुनी गयी हैं। इससे पहले वर्ष 2015 से 2021 तक वह झारखण्ड की 9th गवर्नर थी। वर्ष 2000 से 2004 के बीच में ओडिशा सरकार के मंत्रिमंडल में विभिन्न पोर्टफ़ोलिओस में कार्यभार संभाला। राजनीती में प्रवेश से पहले उन्होंने स्टेट इरीगेशन एंड पावर डिपार्टमेंट में जूनियर असिस्टेंट के रूप में कार्य किया था। वर्ष 1997 तक औरोबिन्दो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में अध्यापक के रूप में भी काम किया।
शुरूआती जीवन
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून वर्ष 1958 को संताली परिवार में ओडिशा के मयूरभंज जिले के रायरंगपुर में हुआ था। इनके पिता और दादा दोनों ही पंचायती राज सिस्टम में सरपंच चुने गए। द्रौपदी मुर्मू ने रमा देवी विमेंस कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। इनके पति का नाम श्याम चरण मुर्मू था जोकि एक बैंकर थे। इनके दो बेटे थे जिनकी मृत्यु हो गयी तथा एक बेटी है जिसका नाम इतिश्री मुर्मू है। वर्ष 2014 में इनके पति श्याम चरण मुर्मू की मृत्यु हो गयी। वर्ष 2009 से 2015 तक सात सालों के अंदर इन्होने दो बेटे, पति, माँ तथा अपने भाई को खो दिया। द्रौपदी मुर्मू ब्रह्मा कुमारी से जुड़ी हुई हैं।
राजनीतिक करियर
द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के मयूरभंज जिले के रायरंगपुर की आदिवासी नेता हैं। उन्होंने वर्ष 1997 में भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ज्वाइन की तथा रायरंगपुर नगर पंचायत से कौंसिलर चुनी गयी। वर्ष 2000 में रायरंगपुर नगर पंचायत की चेयर पर्सन बनी। उन्होंने बीजेपी ST मोर्चा के नेशनल वाईस प्रेजिडेंट के रूप में भी काम किया है। ओडिशा सर्कार में बीजेपी और बीजेडी के गठबंधन के दौरान मुर्मू स्टेट मिनिस्टर थी।
झारखण्ड गवर्नर
18 मई वर्ष 2015 में द्रौपदी मुर्मू ने गवर्नर की शपथ ली तथा झारखण्ड की पहली महिला गवर्नर बनी। झारखण्ड सरकार में गवर्नर के रूप में 6 वर्ष के अधिकांश कार्यकाल के लिए बीजेपी सत्ता में थी। द्रौपदी मुर्मू के पुरे कार्यकाल के दौरान केंद्र में भी बीजेपी की सत्ता थी।
आदिवासी भूमि कानून संशोधन के खिलाफ पत्थलगड़ी आंदोलन
वर्ष 2017 में रघुबर दास मिनिस्ट्री छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट, 1908 और संथाल परगना टेनेंसी एक्ट 1949 में अमेंडमेंट की मांग कर रहा था। ये दोनों ओरिजिनल लॉ ने आदिवासी समुदायों के उनकी भूमि पर अधिकारों की रक्षा की थी। मौजूदा कानूनों के अनुसार भूमि का ट्रांसक्शन केवल शेड्यूल ट्राइब्स के बीच ही किया जा सकता था। नए अमेंडमेंट के अनुसार सर्कार को आदिवासी भूमि का कमर्शियल उपयोग करने और आदिवासी भूमि को लीज पर लेने की अनुमति देने का अधिकार दिया। नवंबर वर्ष 2016 में यह बिल द्रौपदी मुर्मू के पास अप्रूवल के लिए भेजा गया। आदिवासी लोगो ने इस कानून का कड़ा विरोध किया। पथलगढ़ी मूवमेंट के दौरान काश्तकारी अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। मुर्मू ने बिल वापिस स्टेट गोवेर्मेंट क पास भेज दिया। वर्ष 2017 में यह बिल विथड्रॉ कर लिया गया।
राष्ट्रपति के चुनाव का अभियान 2022
जून वर्ष 2022 में बीजेपी ने मुर्मू को भारत के राष्ट्रपति पद के लिए NDA के उम्मीदवार के रूप में नॉमिनेट किया। अब वह राष्ट्रपति चुनी जा चुकी हैं, वह 25 जुलाई 2022 को पदग्रहण करेंगी।