UPI क्या है? – UPI in Hindi

आज के समय पे लोगो ने बैंक्स की लम्बी लाइनों में खड़ा होने से इंकार कर दिया है। क्योंकि मोबाईल के जरिये, घर बैठे और कुछ मिनटों में होने वाले ऑनलाइन ट्रांसेक्शन ने लोगो की परेशानियों को कम कर दिया है। जो की upi के इस्तेमाल से मुम्किन हो पाया है। आज इस आर्टिकल में आपको upi से जुड़ी हर बात को बताया जाएगा।

UPI की HISTORY

Upi के पहले भी 2005 में NEFT (national electronic funds transfer) को भी पैसों को ट्रांसफर करने में use लिया जाता था। जिसमे लगभग 200 से 300 ट्रांसफर्स को एक साथ सर्वर में डाला जाता था। जिस कारण इसमें 2 से 3 घंटे लग जाते थे। ताकि उनके सर्वर पे भार न पड़े। जिसमें 2 लाख के नीचे के अमाउंट को ही ट्रांसफर किया जाता था।

और अगर 2 लाख से ज़्यादा का अमाउंट होता है तो, RTGS (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) का इस्तेमाल होता है। इसे भी 2005 में ही बनाया गया था। इसमें 2 लाख से ऊपर वाले अमाउंट को तुरंत ट्रांसफर कर दिया जाता था। पर ये सब बैंक के वर्किंग time में ही किया जाता है।

इसके बाद NPCI (भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम) ने IMPS को बनाया। जो की सभी बैंक्स की एटीएम मशीनों को हैंडल करती है। IMPS को 2010 में बनाया गया था, और इसकी सुविधा 24/7 उपलब्ध थी।

हालाँकि इन तीनो के सर्विस को लेने के लिए पहले आपको अपने बैंक की जानकारियाँ व उससे जुड़े मोबाइल न. को जोड़ना पड़ता है। और फिर अकॉउंट को एक्टिव होने में 3 से 12 घंटे का समय भी लगता है। तब जाके कहीं आप लेन देन की सुविधा उठा पाते है। खैर इन सभी में लगने वाले समय को इस लिए लम्बा रखा जाता है ताकि आप किसी धोखाधड़ी के शिकार होने से बच सके। पर टेक्नोलॉजी के बढ़ने पर 2010 का सिस्टम ऑउटडेटेड हो जाना कोई चौकाने वाली बात नहीं थी।

तब npci ने ही, upi (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) को 2016 में बनाया। जिसको NPCI एंड RBI दोनों कण्ट्रोल करती है।

UPI क्या है? - UPI in Hindi

UPI क्या है?

Upi यानि की यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस, ऑनलाइन लेन – देन का नया व आसान तरीका है। जिसकी help से आप अपने सारे भुगतान ऑनलाइन कर सकते हैं भले ही वो टैक्सी का किराया हो या कोई भी छोटे से छोटे या बड़े से बड़े बिल्स का पेमेंट करना हो। और ये बिल्कुल real time में हो जाने वाला प्रोसेस होता है। जिसमे आपके बैंक अकाउंट से पैसे सामने वाले के बैंक अकाउंट में चला जाता है। चाहे वो दूसरे बैंक का आकउंट ही क्यू न हो। और क्योंकि npci इंटर बैंक कनेक्शन को हैंडल करती आ रही है। तो उनके लिए ये काम काफी आसान व जाना पहचाना है।

UPI काम किस तरह करता है?

सबसे पहले आपको अपने बैंक के upi app या किसी third party app जैसे की gpay, paytm, अदि को फोन में इंस्टाल करके, अपनी वर्चुअल id यानि की एक तरह का वर्चुअल पता जिससे सामने वाले को पैसे देने के लिए बस उसी पते को ही लिखना पड़ेगा।और क्योंकि अब आप के पास वर्चुअल पहचान है तो आपको न ही सामने वाले के बैंक का नम्बर, IFSC कोड और न ही उसके रजिस्टर मो. नंबर की जरूरत होती है। बस उसके upi id की ज़रूरत रहेगी।

UPI के फायदे

  • बैंक की भागादौड़ी से राहत
  • तुरंत पेमेंट (बैंक के खुलने या बंद होने से कोई मतलब नहीं )
  • बस वर्चुअल id का पता चाहिए (कोई बैंक के जानकारी नहीं)
  • कैशलेस होने से नोटों की छपाई में कमी
  • अलग-अलग बैंक्स में अलग-अलग बैंक्स से पेमेंट
  • 50 पैसों की छोटी फीस हर पेमेंट पे

Popular UPI Apps

  • google pay
  • phone pay
  • paytm
  • BHIM APP
  • amazon pay
  • bhim sbi pay
  • mobikwik
  • jio pay

UPI से जुडी कुछ अन्य बातें

  • 24 घंटे में 1 लाख रूपये तक पेमेंट कर सकते है।
  • सारे ट्रांसक्शन आपके बैंक से सामने वाले के बैंक में ही जायेंगे।
  • सुरक्षा हेतु 2 step verification का use
  • npci और rbi के आधीन।
  • नोटों की कम छपाई से कागजों और पर्यायवरण को ही फायदा होगा।

निष्कर्ष

पिछली बार जब अचानक नोटों को अमान्य घोसित कर दिया गया था। तब लोगो को, खासकर आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिसके बाद govt. ने डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देना ही सही समझा। UPI भी उसी दिशा में लिया गया एक अच्छा कदम है। खैर upi का use हमारे बैंक के चक्कर को ही कम करता है। और टेक्नोलॉजी के इस दुनिया में हमें भी उसके साथ ही चलना चाहिए।

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