महाबली
INS विक्रांत
;
ब्रह्मोस
भी हो सकेगी तैनात।
PM modi
बोले- ये वॉरशिप नहीं
समंदर पर तैरता शहर
, नेवी के
नए ध्वज
से हमने गुलामी का प्रतीक हटाया।
31 जनवरी 1997
को नेवी से INS विक्रांत को
रिटायर
कर दिया गया था।
1971 की जंग में INS विक्रांत
ने अपने सीहॉक लड़ाकू विमानों से
बांग्लादेश के चिटगांव
, कॉक्स बाजार और खुलना में दुश्मन के ठिकानों को
तबाह
कर दिया था।
2009 में INS विक्रांत
की कील राखी गई। यानि
युद्धपोत का प्रोग्रेसिव कंस्ट्रक्शन
शुरू हुआ।
2011
को विक्रांत ड्राय डॉक से बाहर आया।यानि
ढांचा
बनकर तैयार हुआ।
INS विक्रांत
पूरी तरह ऑपरेशनल होने में जून
2023
तक का समय लगेगा।
विक्रांत 40 हजार टन वजन वाला
विमान वाहक जहाज है। दुनिया में केवल
अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस
के पास ही 40 हजार वजन वाहक जहाज है।