द्वारकापीठ शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती
का 99 वर्ष की आयु में मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में निधन हो गया है।
धर्म गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती इनदिनों नरसिंहपुर में
झोटेश्वर परमहंसी गंगा आश्रम
में रह रहे थे। दोपहर
3.30 बजे
उन्होंने
अंतिम सांस
ली।
स्वरूपानंद सरस्वती
का
जन्म 1924
में मध्य प्रदेश के
सिवनी जिले के दिघोरी गांव में पोथीराम उपाध्याय
के रूप में हुआ था।
राम मंदिर
निर्माण के लिए भी उन्होंने लंबी कानून लड़ाई लड़ी थी। हाल ही में तीजा के दिन स्वामी जी का
99वें जन्मदिन
मनाया गया था।
2 सितंबर 1924
में उनका जन्म हुआ था। वह
द्वारका
और
ज्योतिर्मठ पीछ
के शंकराचार्य थे।
1982
में वे
गुजरात में द्वारका शारदा पीठ
और
बद्रीनाथ
में ज्योतिर मठ के शंकराचार्य बने थे।
देश की आजादी के लिए
शंकराचार्य स्वरूपानंद
ने अंग्रेजों का भी सामना किया था।
जिस वक्त
उन्होंने प्राण त्यागे
। उनके शिष्य ही वहां मौजूद थे।