28 सितंबर को देश, शहीदे-आज़म भगत सिंह का 115वां जन्‍मदिन मना रहा है। आइये जानते हैं उनके बारे में कुछ तथ्य। 

भगत सिंह शादी नहीं करना चाहते थे। और कहा की "अगर मेरा विवाह गुलाम भारत में हुआ, तो मेरी वधु केवल मृत्यु होगी

सुखदेव के साथ मिलकर लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने की योजना बनाई। 

सिख होने के नाते भगत सिंह के लिए उनकी दाढ़ी और बाल बहुत महत्वपूर्ण थे. मगर उन्होंने बाल कटवा दिए, ताकि वह अंग्रेज उन्हें पकड़ न सके। 

सॉन्डर्स की हत्या के करीब एक साल के बाद भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने दिल्ली के सेंट्रल असेंबली हॉल में बम फेंके और इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए। 

उन्होंने आक्रामक तरीके से भारत की स्वतंत्रता के लिए कैदियों को प्रेरित किया और अंग्रेजों को नाकों चने चबवा दिए। 

अपने मुकदमे की सुनवाई में भी कोई बचाव पेश नहीं किया, बल्कि इस अवसर का इस्तेमाल भारत की आजादी की योजना का प्रचार करने में किया। 

 उन्हें फांसी की सजा सुनाने वाला न्यायाधीश का नाम जी.सी. हिल्टन था। 

इनकी फांसी की सजा को 24 मार्च 1931 से 11 घंटे घटाकर 23 मार्च 1931 को शाम 7:30 बजे कर दिया गया.

ऐसा कहा जाता है कि कोई भी मजिस्ट्रेट उनकी फांसी के समय उपस्थित रहने को तैयार नहीं था।